तन्हाई

 तन्हाइयों 

में गुज़रती ये सर्द रातें

मुक़्क़मल मुलाक़ात होने नहीं देती 

तुम्हारी बातें,

तन्हाई क्या होती है उस वक़्त से तो पूछो,

जिस वक़्त तुम सो रही होती हो

मैं सपनों में कर लेता हूँ बातें,

हर मुस्कान के कई राज़ हैं

जिंदगी के हर पल साथ देने की तेरी बातें

बेरहम हैं ये सर्दी की रातें

हम-तुम सासों ही सासों में 

होने दे प्यार की बातें❤️

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